जाता है तू कहाँ
रे बाबा जाता है तू कहाँ
सुन प्यारे, रुक जा रे
दुनिया के बड़े टेढ़े-मेढ़े रास्ते
खतरे ही खतरे हैं तेरे वास्ते
जाता है तू कहाँ...
दुनिया में आजकल ऐसी भी लूट है
कहने को प्यार है, समझो तो झूठ है
देख तू लुटने लगा
तेरा हाथ है किसके हाथों में
जाता है तू कहाँ...
प्यार का करते हैं जो शोर
ध्यान है तेरा जिनकी ओर
आ मैं बता दूँ कौन है वो
रात में डाकू दिन में चोर
जाता है तू कहाँ...
हाथ मैं जोडूँ तोरे पड़ू मैं, बलमा तोरे पइयाँ
छोड़ के तू मोहे ना जा करूँ मैं, बिनती मोरे सैय्यां
सुन ले मोरी अरज सजनवा, पूछे तोसे मोरा मनवा
अरे जाने वाले ये तो बता
जाता है तू कहाँ...
जान तू जो बात कहूँ मैं इशारों में
बिकते हैं ईमान यहाँ बाज़ारों में
अनजाने तू न जाने
कोई जाल फैला तेरी राहों में
कोई बात है जो मेरी बातों में है
तू ये जान ले बातों-बातों में
जाता है तू कहाँ...
फ़ैसला तुझको आज करना है
डूब जाना है या उभरना है
उस तरफ झूठ है दिखावा है
इस तरफ प्यार का बुलावा है
उस तरफ लालची निगाहें हैं
इस तरफ मेरे दिल की राहें हैं
जाता है तू कहाँ.
Music By: जतिन ललित
Lyrics By: जावेद अख्तर
Performed By: अभिजीत